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समाज सुधारने जाएंगे तो सुधार नहीं पाएंगे,समाज का ध्यान उन छोटी छोटी इकाइयों अर्थात एक एक परिवार पर केंद्रित करना होगा जो आंतरिक परेशानियों से जूझ रहे है। परिवार सुधारने की दशा में अब जिल्हा समाज द्वारा अगर वर्ष में एक बार भी Best सास, ससुर, ननद, बहू और पति का विजेता उनसे प्राप्त विभिन्न वृतांतों के आधार पर समाज के सामने चुनकर पुरस्कृत किया जाता है तो अन्य सास,बहुओं,ससुर,ननद एव पति को सोचने पर,व्यवहार बदलने पर मजबूर होना पड़ेगा। परिवार सुधरेगा - समाज सुधरेगा - समाज सुधरेगा - देश सुधरेगा।

स्वर्णकार रिश्ते 
एडमिन टीम 
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