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आज के समय में शादी के बाद नवदम्पति को एक दूसरे को समझने में वक़्त देना चाहिए। जब आपको लगे कि शादी के 1-2 साल बाद आप दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझने लगे,परस्पर सामंजस्य,सन्मान,निस्वार्थ प्रेम होने लगा और एक दूसरे की जरूरतें को आँखों से समझने लगे। उसके बाद अपने संतानोपत्ति (बच्चे) का प्लान करना उचित है।अन्यथा संघर्षपूर्ण एव विपरीत परिस्थितियो में भी बच्चे के कारण पति पत्नी अलग नही हो पाते या सम्पूर्ण जीवन कठिन परिस्थितियों में काटने को मजबूर हो जाते है।अगर शादी होते ही जल्दी बच्चे होने के बाद अगर पति पत्नी किसी कारण अलग हो जाते है और उनका रिश्ता खत्म हो जाता है इसमें सबसे ज्यादा तकलीफ उस मासूम बच्चे को होती है और सिर्फ मा बाप के नासमझी और घमंड या अन्य वजह से उस बच्चे की गलती ना रहते भी उस बच्चे को काफी कुछ भुगतान पड़ता है और कभी कभी माँ या पिता दोनो में से एक के प्यार से तरसना पड़ता है। नाना नानी या दादा दादी के परिवार का प्यार ताउम्र उसे नही मिल पाता है।
इसलिए युवाओ को एक सलाह है कि जब तक एक दुसरो को ना समझे, ना जाने ,एक दूसरे के आदतों/व्यवहार को ना जाने तब तक अपने बच्चे की प्लानिंग ना करने में ही भलाई है।



स्वर्णकार रिश्ते
एडमिन टीम
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