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समाज मे आज विवाह योग्य लड़की हो या लड़का दोनो ही यह तय करले की मैं शादी की बाद मेरे पत्नी चाहे कैसी भी हो या मेरा पति चाहे कैसा भी हो उसे एडजस्ट कर लूँगा या कर कर लूँगी तो समाज मे हर परिवार सुखी होगा। हर लड़का लड़की का वैवाहिक जीवन हमेशा खुशीहाली वाला होगा। लड़का हो या लड़की बचपन से शादी तक हम कही ने कही एडजस्ट करते ही आगे बढ़े और यहाँ तक पहुचे तो शादी के बाद अपने जीवनसाथी के साथ एडजस्ट क्यो नही हो सकते। हो सकते है बस जरा सी सोच बदलने की जरूरत है। हमेशा याद रखे कि जीवन मे हर चीज मनपसंद और आप जैसा चाहे वैसा नही मिलती। समझदारी,एडजस्टमेंट और प्यार से हम अपने जीवन मे आनंद प्राप्त कर सकते है और जीवनसाथी के साथ एक अच्छी वैवाहिक जिंदगी जी सकते है। बस अपने वैवाहिक जीवन मे शुरुवाती 3 साल तक समय देकर एक दूसरे को समझे एडजस्ट करे और एक दूसरे पर विश्वास मजबूत करे फिर देखिए 4 साल में आप अपने जीवनसाथी के बगैर 1 दिन तक गुजार नही पाएंगे। बस एक दूसरे को समय और प्यार देकर हम आदर्शपति-पत्नी बन सकते है। यकीन नही आता तो अपने मातापिता को देख लीजिए कि आज उनका वैवाहिक जीवन कैसा है। बस उनोने जो मिला उसको दिल दिमाग से एडजस्ट कर लिया और इसका नतीजा आप है।                                                                                                    "बच्चो के माता पिता को एक सलाह है कि आपके बेटे हो या बेटी उनको वैवाहिक जीवन मे एडजस्ट करने और एक दूसरे को समझने के लिए पहले 4 साल दे दीजिये। बेटी के ससुराल में 4 साल तक कोई दखलंदाजी ना करिये। नतीजा आपके सामने आ जायेगा।"



स्वर्णकाररिश्ते
एडमिन टीम
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